राजनीति एक स्वार्थ ?

मैं राजनीति को स्वार्थ मानता हूं, राजनीति में कोई सेवा के भाव से नहीं आता और आय भी क्यूं उसके भी अपने परिवार हैं। जन सेवा कर के उसके परिवार का भरण पोषण तो नहीं होगा ना।

एक नेताओं को वेतन उपयोग अनुसार सही मिलता है किन्तु सुविधा अनुसार गलत मिलता है अर्थात् एक नेता को अगर अतिरिक्त सुविधा न मिले और उसे सिर्फ़ पर्याप्त वेतन मिले तो वो नेता उतना में खुश रहेगा किंतू नेताओं को वेतन के साथ साथ अतिरिक्त सुविधा भी मिले तो उसकी लालच बढ़ती रहेगी।

इसमें किसी नेताओं का कोई गलती नहीं हमारे देश कि ऐसी सिस्टम और व्यवस्था हि हैं जिससे जो भी व्यक्ती चाहें वो कितना भी ईमानदार हों इस सिस्टम का हिस्सा बनते ही पूरी तरह भ्रष्ट हो जाते है।
Image Source: Divya Himachal





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