कड़वा सत्य-१
जय हिन्द बंधुओ,
आज मैं एक ऐसे कड़वा सत्य के ऊपर अपना विचार रख रहा हूं जिसके उपर हर व्यक्ति को सोचने कि आवश्यकता है।
यूवा पीढ़ी इश्क़ मोहब्बत प्रेम ये सब करना आम हैं, किंतू क्या ये उचित है? अब ये उचित हैं या नहीं इसके ऊपर हम बाद में चर्चा करेंगे सबसे पहले हम कुछ महत्वपूर्ण बातें समझने हैं।
हम किसी लड़की से प्रेम करते हैं, वो लड़की किसी कि बहन तो किसी कि बेटी होगी। आप तो उस लड़की से खूब प्रेम करते हो बहुत सारी बातें करते हों वहीं कभी आपने ये सोचा है कि आपकी बहन बेटी किसी लडके से प्रेम करती हैं तो आपकों गलत क्यूं लगता है? आप भी तो किसी के बहन, तो किसी के बेटी से प्रेम करते हैं।
• क्या प्रेम करना उचित है ?
मेरे समझ से प्रेम करना उचित है, प्रेम करना कोई गुनाह नहीं किंतू तब जब आपकी बहन बेटी भी किसी से प्रेम करे और आपकों कोई दिक्कत न हों तब, अगर आपकों आपके बहन बेटी के प्रेम से दिक्कत है तो मेरे समझ से आपकों किसी के भी बहन बेटी के साथ प्रेम करने का कोई अधिकार नहीं।
लड़के राह चलती लड़कियों के बारे में बहुत सारी ख्याले अपने दिमाग से उपजा लेते हैं, क्या कभी वो सोचते हैं कि उनके घर के भी बहन बेटी के बारे में भी कोई वही गंदी सोच अपने दिमाग में उपजाता होगा।
आप प्रेम करते हैं कोई बात नहीं किजिए पागल हो जाइए प्रेम में किंतू तब जब आपकी बहन बेटी किसी से प्रेम करे और आपकों दिक्कत नहीं हों।
SSpD Sunny Raj 
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